हिन्दी सारांश – India Through Traveller’s Eye | Pearl S. Buck | 12thEnglish.com

Hindi Summary: India Through Traveller’s Eye | Pearl S. Buck  Bihar Board 12th | 100 Marks English | by Malendra Sir 

“India through a traveller’s Eyes”  पर्ल एस बक (Pearl S Buck) के द्वारा लिखित किताब ‘My Several Worlds’ से लिया गया एक उद्धरण है।

पर्ल एस बक जन्म से एक अमेरिकी थी लेकिन वे चीन में शिक्षित हुई थी।
भारत Pearl S Buck के जीवन की पृष्ठभूमि का हिस्सा रहा था।
उन्होंने अपने परिवार के डॉक्टर और उसकी पत्नी से भारत और भारतीयों की बहुत सारी कहानियां सुनीं थी।
इसलिए वह भारत को देखने के लिए बहुत उत्सुक थी। उसने दुनिया के कई देशों को देखा था लेकिन वह भारतीयों से बहुत प्रभावित थी।
चूँकि पर्ल के दिल में भारत और भारतीयों को जानने की दिली इच्छा थी इसलिए वह भारत आईं।
उन्होंने भारत के कई पर्यटन स्थल देखे।  चांदनी रात में आगरा के ताजमहल को देखा, फतेहपुर सीकरी और दिल्ली के भी कई जगहों को देखा लेकिन वह भारत और भारतीयों को समझ नहीं पाई।
इसलिए उन्होंने गाँवों के किसानों और शहर के युवाओं से मिलकर भारत को जानने की कोशिश की।
वह शहरों में युवा बुद्धिजीवियों और गांवों में गरीब किसानों से मिलीं।
शहरों के युवाओं और देश के गरीब किसानों के बारे में बात करने और सुनने से वह भारतीयों को ज्यादा बेहतर समझ पायीं।
और फिर उन्होंने कहा कि भारत को इसके स्मारक को देखकर नहीं समझा जा सकता है, इसे शहरों के युवाओं और गाँव के गरीबों से मिलकर ही समझा जा सकता है।
जिस समय Pearl S Buck भारत आयी थीं उस समय भारतीय अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे थे।
शहर के युवा ब्रिटिश शासन की गुलामी से अपनी आजादी हासिल करने की योजना बना रहे थे वहीँ गाँवों की स्थिति बहुत ख़राब थी। लोग ग़रीबी, बीमारी और कुपोषण से जूझ रहे थे। लोगों की औसत आयु केवल 27 वर्ष रह गयी थी।
इस दयनीय स्थिति के लिए Pearl S Buck ब्रिटिश शासन की आलोचना भी करती हैं।

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