Hindi Summary: A Child is Born | Germain Greer – Bihar Board 12th | 100 Marks English | by Malendra Sir
“A Child is Born” – ‘सेक्स एंड डेस्टिनी: द पॉलिटिक्स ऑफ ह्यूमन फर्टिलिटी’ नाम के किताब का एक उद्धरण है।
यह पुस्तक ऑस्ट्रेलिया की एक प्रसिद्ध नारीवादी लेखिका जर्मेन ग्रीर द्वारा लिखी गई है।
इस निबंध में, उन्होंने पूर्व और पश्चिम के देशों में बच्चे और माता-पिता के संबंधों की सांस्कृतिक विशिष्टताओं को विस्तार से व्यक्त किया है।
बच्चे के जन्म को लेकर दुनिया के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न संस्कृति और परंपरा मौजूद है।
साथ ही जर्मेन ग्रीर इस मान्यता का भी जिक्र करती हैं की महिलाएं अपने पति के परिवार की सदस्य तब तक नहीं बनती हैं, जब तक कि वे एक बच्चे को जन्म नहीं दे देती हैं।
कुछ देशों में गर्भवती महिला को अपने बच्चे के प्रसव के लिए अपनी माँ के घर जाना पड़ता है।
उसे कम से कम तीन महीने वहां रहना होता है।
बाल-जन्म, कोई पारिवारिक मामला नहीं होता है और यह पड़ोस के उत्सव का अवसर होता है।
जब बच्चा सात दिन का होता है, तो बच्चे और उसकी मां दोनों के लिए नए कपड़े लाये जाते हैं। महिलायें इस अनुष्ठान का विशेष हिस्सा होती हैं। वे पारम्परिक लोकगीत गाती हैं, नाचती हैं, उत्सव मानती हैं और इसी मौके पर बच्चे का नाम तय किया जाता है।
और कुछ देशों में अन्य प्रक्रिया और अनुष्ठानों का पालन किया जाता है।
लेखक के अनुसार, ये प्रथाएं एक गर्भवती माँ की सुरक्षा की भावना को बढ़ाती हैं।
साथ ही गर्भावस्था और बच्चे के जन्म से जुड़ी सभी चिंताओं को दूर करती हैं। जिसका उन्हें मनोवैज्ञानिक लाभ भी होता है।
ये तरीके सामूहिक और सांस्कृतिक रूप से स्वीकृत हैं।
इस प्रकार के अनुष्ठानों के साथ मातृत्व की भावना जुड़ी हुई होती हैं लेकिन इन परंपराओं से गुजरना, घर में ही बच्चे को जन्म देने से मातृ मृत्यु दर में भी बढ़ोत्तरी होती थी।
इन दिनों बच्चे के जन्म की पूरी प्रक्रिया यांत्रिक हो गई है।
मृत्यु से बचने की हमारी चिंता में हमने उस पूरी प्रक्रिया के अनुभव के महत्व को नष्ट कर दिया है, जो एक माँ करती थी।
यह मातृ मृत्यु दर को तो कम करता है लेकिन एक औरत से माँ बनने के भावनात्मक सुख को छीन लेता है।